A2Z सभी खबर सभी जिले कीताज़ा खबरमध्यप्रदेशविदेशव्यापारशिक्षाहरिद्वार

सांचेत श्रीमद भागबत कथा के तीसरे दिन पूज्य गुरुदेव श्री दीनबंधु दास महाराज ने महाभारत सती चरित्र का प्रसंग सुनाया 

अभिषेक लोधी

सांचेत श्रीमद भागबत कथा के तीसरे दिन पूज्य गुरुदेव श्री दीनबंधु दास महाराज ने महाभारत सती चरित्र का प्रसंग सुनाया

अभिषेक लोधी सांचेत

सांचेत कस्बा सांचेत में श्री राम जानकी मंदिर के पास चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन बुधवार को कथा वाचक श्री श्री 108 मलूक पीठेश्वर जगत गुरु राजेन्द्र दास जी महाराज के कृपा पात्र शिष्य पूज्य गुरुदेव श्री दीनबंधु दास महाराज बृंदावन धाम के द्वारा सुनाएं सती चरित्र रोचक प्रसंग सुनाया कस्बा सांचेत मैं आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सुनाते हुए कथावाचक पूज्य गुरुदेव श्री दीनबंधु दास महाराज ने बताया कि किसी भी स्थान पर बिना निमंत्रण जाने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि जहां आप जा रहे है वहां आपका, अपने इष्ट या अपने गुरु का अपमान हो। यदि ऐसा होने की आशंका हो तो उस स्थान पर जाना नहीं चाहिए। चाहे वह स्थान अपने जन्म दाता पिता का ही घर क्यों हो। कथा के दौरान महाभारत सती चरित्र के प्रसंग को सुनाते हुए भगवान शिव की बात को नहीं मानने पर सती के पिता के घर जाने से अपमानित होने के कारण स्वयं को अग्नि में स्वाह होना पड़ा।कथा में उत्तानपाद के वंश में ध्रुव चरित्र की कथा को सुनाते हुए समझाया कि ध्रुव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उसकी मां सुनीति ने धैर्य नहीं खोया जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया। परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम की नितांत आवश्यकता रहती है। भक्त ध्रुव द्वारा तपस्या कर श्रीहरि को प्रसन्न करने की कथा को सुनाते हुए बताया कि भक्ति के लिए कोई उम्र बाधा नहीं है। भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए क्योंकि बचपन कच्चे मिट्टी की तरह होता है उसे जैसा चाहे वैसा पात्र बनाया जा सकता है। कथा के दौरान उन्होंने बताया कि पाप के बाद कोई व्यक्ति नरकगामी हो, इसके लिए श्रीमद् भागवत में श्रेष्ठ उपाय प्रायश्चित बताया है। अजामिल उपाख्यान के माध्यम से इस बात को विस्तार से समझाया गया साथ ही प्रह्लाद चरित्र के बारे में विस्तार से सुनाया और बताया कि भगवान नृसिंह रुप में लोहे के खंभे को फाड़कर प्रगट होना बताता है कि प्रह्लाद को विश्वास था कि मेरे भगवान इस लोहे के खंभे में भी है और उस विश्वास को पूर्ण करने के लिए भगवान उसी में से प्रकट हुए एवं हिरण्यकश्यप का वध कर प्रह्लाद के प्राणों की रक्षा की। कथा के दौरान भजन गायकों ने भजनों की प्रस्तुति दी।

Check Also
Close
Back to top button
error: Content is protected !!